एक गांव :- कर्मपुर

किरदार

1. राघव - एक खोजकर्ता जो प्रचीन साहित्य में वर्णित स्थानो को खोजने का कार्य करता है । जिसकी उम्र 30 साल है ।

2. पीयूष - एक लेखक जो डरावनी और रहस्यात्मक कहानियां लिखता है । जिसकी उम्र 32 साल है ।

दृश्य - 1 / बहुत सारी पुरानी किताबो से भरा राघव का कमरा

राघव एक खोजकर्ता है जो पुराने ग्रन्थो में वर्णित रहस्यमयी जगहों को खोजने का कार्य करता है। राहुल के कमरे में चारो तरफ की दीवारों में बनी अलमारियों में हजारों पुरानी किताबो का भण्डार है । आस पास 2 कुर्सी पड़ी है । जिस पर राघव के पास आने वाला व्यक्ति बैठ सकता है । पास की एक स्लैब पर चाय और कॉफी बनाने का सामना रखा है । एक स्टडी टेबल है जिस पर राघव सुबह सुबह किसी ऐसी ही पुरानी किताब को पढ़कर उसमे बटाई जगह को खोजेने की कोशिश कर रहा है । वही टेबल पर एक लैपटॉप है जिस पर राहुल इंटरनेट के माध्यम से उन जगहों को खोजने की कोशिश करता है ।

राहुल अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था कि दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी

    ठक ठक ..... ठक ठक....

                       राघव

आssरहा हूँ ....

राघव स्टडी टेबल से उठकर दरवाजा खोलने जाता है। सामने किसी को देखकर राघव खुशी से चिल्लाता है

                  राघव

तुम्म्म्म्म...... , पीयूष...... अमेरिका से कब आए ? बताया भी नही मुझे ...

                 पीयूष

साले अंदर नही बुलायेगा क्या , सारा रहस्य यही जानेगा क्या ??

                  राघव

ओह्ह सॉरी यार ... चल अंदर आजा ?

                 पीयूष

कैसा है तू और कैसा चल रहा है तेरा काम ?

               राघव

बढ़िया तू बता...... आज अचानक...... सुबह - सुबह । वो भी बिना बताए

              पीयूष

तू तो जनता ही है कि मैं कहानियां लिखने के लिए अलग - अलग जगहों पर घूमता रहता हूं । बस ऐसे ही एक कहानी की तलाश में हूँ । जो रहस्य से भरी हो और साथ साथ ही डरावनी भी होनी चाहिए लेकिन जगह असल मे होनी चाहिए । अब तेरा काम ही ऐसी जगह ढूंढने का है।

( बोलते हुए पीयूष राघव की स्टडी टेबल पर पड़ी एक किताब को पलटने लगता है )

( राघव अपने लिए और खुद के लिए चाय बना रहा था )

                 पीयूष

राघव....

( राघव चाय बनाते हुए पीछे पीयूष की तरफ पलटकर बोलता है )

                    हाँ .. क्या हुआ ?

                  पीयूष

तू कर्मपुर के बारे में जानता है ??

                 राघव

नही यार .. बस अभी पढ़ ही रहा हूँ । काफी डरावनी जगह बताई है इसमे तो ...

तू कैसे जानता है कर्मपुर के बारे में ?

( तब तक राघव चाय बना कर टेबल के पास ले आता है और एक चाय पीयूष को देकर उसे बैठने का इशारा करता है और खुद भी बैठ जाता है ।)

                 पीयूष

मैं इस जगह के बारे में अच्छे से जानता हूँ अमेरिका में मुझे किसी ने बताया था और इंडिया भी मैं इसी की तलाश में आया हूँ ताकि इसपर कहानी लिख सकू ।

                 राघव

फिर देर किस बात की है चलते है इस जगह पर दोनों की मंजिल जब एक ही है तो !!

( दोनों दोस्त कमरे से निकल कर गाड़ी निकाल कर कर्मपुर जाने वाली सड़क की तरफ चल पड़ते है )

दृश्य - 2 (कर्मपुर की तरफ जाने वाली सड़क पर पीयूष गाड़ी चला रहा है और राघव पास की सीट पर बैठा हुआ है । गाड़ी में धीमा धीमा मजेदार संगीत चल रहा है । पास की दाई तरफ एक बोर्ड लगा हुआ था जिस पर कर्मपुर लिखा हुआ था। गाड़ी कर्मपुर गांव की सीमा में पहुँच चुकी थी । )

तभी अचानक पीयूष ने ब्रेक लगया तो राघव सामने के glass से टकरा गया ।

             राघव ( दर्द से कराहते हुए)

क्या हुआ .... पीयूष तुम्हारी तरह भी कोई ब्रेक मारता है क्या यार ?

              पीयूष

वो मुझे लगा कि कोई सामने से अचानक गुजरा है इसलिये मैंने अचानक ब्रेक लगा दिया । तुम ठीक तो हो ना

          राघव (सिर में लगी चोट को सहलाते हुए बोलता है )

साले जिसके पास तेरे जैसे दोस्त हो तो वो ठीक रह कैसे सकता है ।

( अचानक से दोनों चौक कर इधर उधर देखने लगते है )

राघव और पीयूष एक दूसरे की तरफ देखते हुए एक साथ बोल पड़ते है

   तुमने कुछ सुना ।

(पीयूष सामने की तरफ देखते हुए घबराकर राघव से बोला)

रारारररघव वो देख सामने .....

राघव को भी सामने  एक औरत , जिसके बाल बिखरे हुए है और खून से लथपथ दिखाई देती है । जो उनकी तरफ ही आरही थी ।

राघव (चीखते हुए)

पीयूष...... गाड़ी को भगा और रोकना बिल्कुल भी मत ।

( पीयूष गाड़ी को फूल स्पीड में दौड़ाता है और गाड़ी उस औरत से होकर निकल जाती है लेकिन औरत को कुछ नही होता है जैसे गाड़ी किसी पर्दे से होते हुए निकली हो )

पीयूष

साले ये तो अभी से इतना भयानक है । आगे  तो पता नही क्या होगा । मेरी मान वापस चलते है ।

राघव

नही पीयूष वापस नही चलेगे । आज तो इसका रहस्य जानकर ही वापस चलेंगे ।

( तभी वातावरण में किसी के चीखने की एक भयानक और डरावनी आवाज गूंजती है ।)

वे दोनों कुछ समझ पाते इससे पहले गाड़ी को किसी ने हवा में उछाल दिया ।

चारो तरफ का वातावरण भी एक दम से बदल जाता है । वातावरण में डरावनी आवाजे गूंजने लगती है ।

गाड़ी पलट जाती है उसके कांच टूट जाते है । पीयूष और राघव को भी चोट लग जाती है । दोनों खून से लथपथ बाहर निकलते है ।

तभी राघव को किसी ने हवा में उछाल दिया

पीयूऊऊऊस .... बचाओ ... बचाओ मुझे

पीयूष ऊपर की तरफ देखकर चिल्लता है

रआआआव.... कुछ नही होगा तुझे भाई

तभी पास के एक पेड़ से कुछ गिरने की आवाज आती है । पीयूष जैसे ही घूमकर देखता है तो उसके होश उड़ जाते है क्योकि गिरने वाली चीज और कोई नही राघव ही था ।

पीयूष ( चीखता हुआ पीयूष , राघव के पास दौड़ते हुए जाता है )

राघव ... राघव .... उठ मेरे भाई ... उठ जा यार चलल्लल

पीयूष राघव को उठाता इससे पहले ही किसी अदृश्य चीज ने उनके सिर पर वार किया और दोनों बेहोश होकर गिर गए ।

दृश्य - 3 सिटी हॉस्पिटल / पास के दो बैड जिसपर राघव और पीयूष भर्ती थे । डॉक्टर ने उनको पैरालाइसिस घोषित कर दिया है । अब दोनों ना उठ सकते है और ना ही अपने आप हिला सकते है और ना ही बोल सकते है ।

कर्मपुर में दोनों की ऐसी हालत किसने बनाई ये आज तक किसी को पता नही चला ।

Comments

Romeer Sen said…
Bahut badiya padh ke acha laga
ramya said…
This comment has been removed by the author.
Priyanka said…
Bohot hi interesting and achi kahanai hai
Srividya B said…
This is very well written. Looking forward to more such posts!!!
Purvi said…
This comment has been removed by the author.
Purvi said…
Hey it was truely amazing.best of luck for next one
Vashi said…
You are a wonderful storyteller. Keep working on. Yourcraft. ReAlly enjoyed reading this one. Waiting for more .
Roshni said…
Bohot khub! Aapke shabdh ne mere kalpanik gaav ko firse jagrut kardia hai
VJ Rocks said…
Great work #contenttraffic
Swapnil said…
I need more on this series
Surendra Hindu said…
Ok swapnil ji , yha pr apko aisi bahut si story mil jayengi .
Agr apko story chahiye to ap mujhe DM kr skte hai ,- +918852902474 pr